गोरोचन की सहायता से इस यंत्र को भोजपत्र पर लिखें और शहद से भरे हुए पात्र में डाल दें. इसीलिए इनके विसर्जन को लेकर ध्यान रखें. हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। कई बार देखा जाता है कि अचानक खुले में शौच आदि के लिए जाने वाला व्यक्ति के आते https://lorenzossmoq.ampblogs.com/kamdev-an-overview-71057484